देवरानी और जेठानी मंदिर, छत्तीसगढ़


देवरानी और जेठानी मंदिरों के बारे में कुछ जानकारियाँ

देवरानी और जेठानी मंदिर, छत्तीसगढ़ में दक्षिण बिलासपुर से लगभग 29 किलोमीटर दूर ताला/तालागाँव मे मनियारी नदी के तट पर स्थित है (जिसे  अमेरी कापा के रूप में भी जाना जाता है) । ताला के बारे मे सबसे पहले Mr. J. D. Wangler के द्वारा जानकारी मिली जो की 1878 में मेजर जनरल कनिंघम के एक सहयोगी थे ।
 देवरानी मंदिर जेठानी मंदिर से छोटी है जो की भगवान शिव को समर्पित है, इस मंदिर का द्वार पूर्व दिशा की ओर है। मनियारी नदी मंदिर के पीछे की ओर बहती है और जेठानी मंदिर का द्वार दक्षिण दिशा की ओर है। है। देवरानी और जेठानी मंदिरों के बीच की दूरी लगभग 15 किमी है। 
जेठानी मंदिर के प्रवेश द्वार के तल पर एक सुंदर चंद्रशिला का आधार प्रदर्शन किया गया है । आंतरिक कक्ष की सुरक्षा मे लगे विशाल हाथी की मूर्तियाँ इसे और अधिक शाही बनाने बनाती है । ताला में स्थित देवरानी और जेठानी मंदिर अपनी सुंदर मूर्तियों, कला और पृथ्वी के गर्भ से खुदाई से मिले दुर्लभ रुद्र शिव की मूर्ति के लिए बहुत प्रसिद्ध है।

रुद्र शिव की मूर्ति :
 रुद्र शिव की मूर्ति की ऊंचाई 2.54 मीटर है और इसकी चौड़ाई 1 मीटर है। मूर्ति के सिर पर दो सांपों का आभूषण बना हुवा है । शरीर के विभिन्न भागों में सात मानव सिर की रचना की गयी है ।
 मंदिरों के नामकरण को समझने के लिए देवरानी और जेठानी के अर्थ समझना ज़रूरी है, जेठानी का मतलब बड़ी बहू (पति के बड़े भाई की पत्नी) और देवरानीका मतलब छोटी बहू (पति के छोटे भाई की पत्नी) होता है ।

देवरानी और जेठानी मंदिर तक कैसे पहुचें ?


ताला/तालागाँव, मनियारी के तट पर स्थित एक गांव है। यह बिलासपुर-रायपुर राजमार्ग पर बिलासपुर से 24 किमी की दूरी पर है। गांव भोजपुर-दगौरी सड़क पर स्थित है।

वायु मार्ग द्वारा : निकटतम हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा, मंदिर से रायपुर  लगभग 85 किमी दूर है।

रेल द्वारा : सबसे पास मे बिलासपुर रेलवे स्टेशन रेलवे स्टेशन जो की मुंबई-हावड़ा मुख्य लाइन से जुड़ा हुआ है। (मंदिर से  लगभग 30 किमी)  

सड़क मार्ग  द्वारा : बसें और टैक्सियां बिलासपुर से लिया जा सकता है।

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